मंगलवार, 22 मई 2012

satyameva jayate theme lines

आज कल स्टार चेनल पर आमिर खान का शो काफी पोपुलर हो रहा है, इस शो के विज्ञापन में आमिर खान कुछ लाइन बोलते दीखते है "" सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नही, मेरी कोशिश ही ये सूरत बदलनी चाहिए"" शो की इन्ही लाइनों के बारे में मैं आप से कुछ बात करना चाहता हूँ . 

                                  हम सभी ने इन लाइनों को कई बार सुना है पर बहुत ही कम लोग इन लाइनों को पूरी तरह से जानते है . ये लाइनें " कवि दुष्यन्त कुमार (Dushyant Kumar) की कविता " "हो गई है पीर पर्वत-सी"" (Ho Gai Hai Peer Parvat Si) से ली गई है. पूरी कविता नीचे दी जा रही है 

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 हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए

इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए

 

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,

शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए

 

हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में

हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए

 

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,

सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए

 

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही

हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।

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